महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक

गोरक्षपीठ द्वारा संचालित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् शिक्षा क्षेत्रा की एक अग्रणी संस्था है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर को केन्द्र बनाकर प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक लगभग साढ़े तीन दर्जन शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थानों एवं सेवा केन्द्रों का संचालन करने वाली महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् की स्थापना 1932 ई. में गोरक्षपीठाधीश्वर महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज ने की थी तथा उसे गोरक्षपीठाधीश्वर महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज ने पुष्पित पल्लवित किया।

महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् के संस्थापक महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज

जन्म वैशाखी पूर्णिमा 1894 ई.
गोरखपुर आगमन 1899 ई.
महात्मा गाँधी का गोरखपुर में स्वागत एवं असहयोग आन्दोलन में भाग लेने के लिए औपचारिक शिक्षा एवं विद्यालय का परित्याग 1920 ई.
चौरीचौरा काण्ड में सहयोग, शिनाख्त के अभाव में बरी 1922 ई.
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् की स्थापना 1932 ई.
योग दीक्षा 15 अगस्त 1933 ई.
गोरखनाथ मन्दिर में महन्त पद पर अभिषेक श्रावण पूर्णिमा 15 अगस्त 1935 ई.
हिन्दू महासभा की सदस्यता 1939 ई.
अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारहपन्थ योगी महासभा की स्थापना 1939 ई.
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की अध्यक्षता में प्रान्तीय हिन्दू महासभा अधिवेशन का गोरखपुर में ऐतिहासिक आयोजन 1944 ई.
गाँधी हत्याकाण्ड में मिथ्या आरोप में बन्दी 1948 ई.
दस महीने बाद आरोप से ससम्मान बरी 1949 ई.
श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति आन्दोलन का नेतृत्व 1949 ई.
पृथक पंजाबी सूबे के लिए मास्टर तारा सिंह के आमरण अनशन का सूझबूझ से समापन कराना 1956 ई.
गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर की स्थापना 1958 ई.
अखिल भारतीय षड्दर्शन सभा सम्मेलन हरिद्वार की अध्यक्षता 1960 ई.
अखिल भारतीय हिन्दू सम्मेलन का दिल्ली में आयोजन 1961 ई.
अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष (हिन्दू राष्ट्रपति)के रूप में निर्वाचन 1961 ई.
महन्त जी द्वारा दिल्ली में अखिल विश्व हिन्दू सम्मेलन का आयोजन 1965 ई.
गोरखपुर के सांसद निर्वाचित 1967 ई.
चिर समाधि 1969 ई.